निरंतर सत्संग से दुर्जन भी सज्जन हो जाते हैं nirantar satsang se durjan bhi sajjan ho jaate Hain
महात्मा बुद्ध एक गाँव में ठहरे हुए थे। वे प्रतिदिन शाम को वहाँ पर सत्संग करते थे। भक्तों की भीड़ होती थी , क्योंकि उनके प्रवचनों से जीवन को सही दिशा बोध प्राप्त होता था। बुद्ध की वाणी में गजब का जादू था। उनके शब्द श्रोता के दिल में उतर जाते थे। एक युवक प्रतिदिन… अधिक पढ़ें निरंतर सत्संग से दुर्जन भी सज्जन हो जाते हैं nirantar satsang se durjan bhi sajjan ho jaate Hain